भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दिसंबर 2021 में अंतरिक्ष में पहले मानव मिशन की योजना पर काम शुरू कर दिया हैं। धरती से मानव को अंतरिक्ष यात्रा करवाने के मिशन गगनयान (Gaganyaan) के लिए महिला रोबोट तैयार हो चूका हैं और इसका परीक्षण उड़ान जल्दी ही इसी साल होगा। इस परीक्षण उड़ान में जिस डमी महिला रोबोट को बनाया गया है उसका नाम "व्योममित्र" रखा गया हैं।
मिशन गगनयान में मानव को भेजे जाने से पहले महिला रोबोट"'व्योममित्र" को भेजे जाने की सलाह हैं। भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने मिशन की सफलता के लिए यह एक प्रयोग कर रहा हैं। धरती से मानवरहित 'गगनयान में महिला रोबोट 'व्योममित्र" को अंतरिक्ष की सैर करवाई जाएगी। 22 जनवरी को 'मानव अतंरिक्ष यात्रा एवं खोज : वर्तमान चुनौतियां और भविष्य घटनाक्रम के उद्घाटन सत्र शुरू हुआ। इस सत्र में महिला रोबोट "व्योममित्र" आकर्षण का केंद्र रहा।
महिला रोबोट "व्योममित्र" का नाम संस्कृत भाषा से लिया हैं। ये दो शब्दों से बना हैं - व्योम का अर्थ है अंतरिक्ष और मित्र का अर्थ है दोस्त। इन दोनों शब्दों को मिलाकर बना हैं - 'व्योममित्र"। इस महिला रोबोट ने कार्यक्रम में अपना परिचय देकर लोगों को हैरान कर दिया।
रोबोट ने कहा, ''सभी को नमस्कार। मैं व्योममित्र हूं और मुझे अर्ध मानव रोबोट के नमूने के रूप में पहले मानवरहित गगनयान मिशन के लिए बनाया गया है।' मिशन में अपनी भूमिका के बारे में 'व्योममित्र ने कहा, ''मैं पूरे यान के मापदंडों पर निगरानी रखूंगी, आपको सचेत करूंगी और जीवनरक्षक प्रणाली का काम देखूंगी। मैं स्विच पैनल के संचालन सहित विभिन्न काम कर सकती हूं।"
इसरो प्रमुख Kailasavadivoo Sivan (के सिवन) ने पत्रकारों को रोबोट के बारे में जानकारी दी। सिवन ने कहा, ''यह अंतरिक्ष में इंसानों की तरह काम करेगी। यह जांच करेगी कि सभी प्रणालियां ठीक ढंग से काम कर रही हैं या नहीं। यह बहुत लाभदायक होगा। इससे ऐसा लगेगा कि जैसे कोई इंसान उड़ रहा है।"
इसरो प्रमुख के सिवन ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया
कि दिसंबर 2021 में भारत के मानव मिशन को अंतरिक्ष में भेजने से पहले इसरो दो मानवरहित मिशन क्रमश: दिसंबर 2020 और जून 2021 में भेजे जायेंगे और 'व्योममित्र उनके साथ उड़ेगी। इस प्रयोग से इसरो यह देखेगा कि पर्यावरण नियंत्रण जीवनरक्षक प्रणाली में मानव प्रणाली किस तरह काम करेगी।
सिवन ने कहा, ''ह्यूमनोइड परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है।" केंद्रीय अंतरिक्ष एवं परमाणु ऊर्जा विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी बुधवार (22 जनवरी) को टि्वटर पर 'ह्यूमनोइड' का वीडियो साझा किया और लिखा, ''इसरो में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के क्रम में...'व्योममित्र ह्यूमनोइड का गगनयान के लिए अनावरण। अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर गगनयान के जाने से पहले यह प्रोटोटाइप ह्यूमनोइड जाएगा।'
बेंगलुरु में ‘मानव अंतरिक्षयान और खोज
वर्तमान चुनौतियां तथा भविष्य घटनाक्रम’ पर विचार गोष्ठी के उद्घाटन सत्र में सिवन ने कहा कि गगनयान मिशन का उद्देश्य न केवल अंतरिक्ष में भारत का पहला मानवयान भेजना है, बल्कि ‘निरंतर अंतरिक्ष मानव उपस्थिति’ के लिए नया अंतरिक्ष केंद्र स्थापित करना भी है। हम तीन चरणों में यह सब कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वायुसेना के टेस्ट पायलटों में से अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कर लिया गया है। रूस में इनकी ट्रेनिंग चल रही है। भारत में जल्द ही सामान्य रूप से अंतरिक्ष उड़ान प्रशिक्षण शुरू होगा।